Football in India (भारत फुटबॉल में इतना पीछे क्यो है?)
1,404,234,872 एक सौ चालीस करोड़ वाला देश भारत को फुटबॉल मे 11 प्लेयर नही मिल पा रहे है जो भारत को world cup क्वालीफाई करा दे।
भारत को फुटबॉल मे आगे नही पढ़ने का कारण है politics और corruption.
इसका मतलब ये है की कोई भी सलेक्संन् या ट्रायल होता है चाहे डिस्टिक या नेशनल या फिर gov spors hostal का ट्रायल होता है जो भी कोच ट्रायल लेता है तो वो कोच छेत्र वाद करता है कहने का मतलब यह है की जहा का कोच वहां का player ज्यादा होते है या तो कोच के मोबाईल पर किसी बड़े लोग का फोन आ जाता है तो उस प्लेयर को टीम मे रखना पड़ता है। और उसकी जगह पर कोई अच्छा प्लेयर को हटाना पड़ता है।
जैसे मान लीजिये – U-12, U-14 बच्चो का ट्रायल चल रहा है.
कोच पोल्टिक्स करता है. यहाँ तक की gov hostal या किसी भी एकादमी ( club) मे बच्चो का ट्रायल होता है तो उसमे कोच या जो उसे जुड़ा है तो अच्छी कमाई कर रहे है. बच्चो के माता पिता से लिये जा रहे है जब की जो गरीब बच्चा खेलने मे अच्छा है उनको उठाने से पहले ही काट दिया जा रहा है.
जितने भी बड़े फुटबॉल प्लेयर है चाहें पेले, मेराडोना, messi, रोनाल्डो, वो लोग गरीब परीवार से है।
लेकिन भारत मे गरीब परिवार के बच्चो को नही पूछा जाता है चाहे उस बच्चे का कितना भी अच्छा खेल हो उसका सलेक्संन् काट दिया जाता है।
भारत मे सीनियर प्लेयर की बात करे तो जो भी प्लेयर gov मे का करता है या स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती होता है तो उसके साथ भी पोल्टिक्स होती है.
जब टीम कही तुर्णमेंट खेलने जाती है तो कोच टीम बनता हैतब कोच यह देखता है की हमारे छेत्र् का कौन है जो रहता है उसको टीम रखता है या फिर जो प्लेयर कोच का पालीस करता है
जिसे लिफ्टिंग करना कहते है उसी प्लेयर का सलेक्संन् होता है